Type of V Threads, वी (V चूड़ियों के प्रकार
Type of V Threads in hindi
इन चूडी़यो का आकार अंग्रेजी के वी ( V ) अक्षर की तरह होता है। यह चूड़ियां लेथ मशीन, टैप-डाई ओर थ्रेड-मिलिंग द्वारा काटी जाती है।
देसी जुगाड़ उल्टी चूड़ियां Left Hand Thread
मैकेनिकल इंजीनियरिंग लाइन में चूड़ियों का बहुत ही महत्व है। किसी भी प्रकार के कल-पुर्जों को जोड़ने के लिए चूड़ियों का उपयोग किया जाता है। चूड़ियां काटने का वर्क लेथ मशीन पर किया जाने वाली विशेष ऑपरेशन है। इस आर्टिकल में हम वी ( V ) चूड़ियों के प्रकार के बारे में कुछ जानने की कोशिश करेंगे।
चूड़ी की परिभाषा
किसी गोलाकार ( Round ) जॉब की बाहरी ( Outside ) या भीतरी ( Inside ) सतह पर समान आकार (Shape ), समान कोण ( Angle ),ओर समान दूरी ( Distance ) से लगातार ( continuous ) आगे को बढ़ती हुई घुमावदार एवं झुकी हुई झिरियों ( Grooves )को चूड़ियां ( Threads ) कहते हैं।
1. जॉब की बाहरी सतह पर कटी हुई चूड़ियों को एक्सटर्नल थ्रेड ( External Thread ) कहते हैं, जैसे :- बोल्ट ( Bolt )
2. जॉब के भीतरी सतह पर कटी हुई चूड़ियों को इंटरनल थ्रेड ( Internal Trade ) कहते हैं जैसे :- नेट ( Nut )।
चूड़ियों का प्रयोग
1. जोड़ने के लिए – चूड़ियों की सहायता से दो या दो से अधिक कलपुर्जों को आपस में आसानी से जोड़ा जा सकता है, जैसे :- नट, बोल्ट और स्क्रू।
2. भार उठाने के लिए – चूड़ियों की सहायता से कम ताकत लगाकर भारी से भारी वस्तु को आसानी से उठाया जा सकता है। जैसे :- स्क्रू-जैक ( Screw-Jack )।
3. माप लेने के लिए – चूड़ियों की मदद से हम किसी भी जॉब की बाहरी या भीतरी सतह का बहुत ही आसानी से और बहुत ही सटीक माप ले सकते हैं। जैसे :- माइक्रोमीटर ( Micro-Metre )।
4. गति देने के लिए – चूड़ियों की मदद से गति देकर किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। जैसे :- लेथ मशीन का लीड स्क्रू।
5. एडजस्टमेंट के लिए :- चूड़ियों की मदद से यह एडजस्टमेंट कर सकते हैं। जैसे :- हैंड प्रेस स्क्रू।
6. आकार बदलने के लिए :- चूड़ियों की सहायता से हम किसी भी पदार्थ का आकार बदल सकते हैं। जैसे :- जूस मशीन।
7. गति को बढ़ाने व कम करने के लिए :-चूड़ियों की मदद से हम गति को कम वादी कर सकते हैं जैसे :- वर्म, वर्म व्हील।
Type of V Threads in hindi
चूड़ियों के प्रकार Type of Threads
वैसे तो चूड़ियां कई प्रकार की होती है और उनके अलग-अलग उपयोग हैं अलग-अलग सेक्टर में काम आती है मुख्य रूप से चूडीयां दो प्रकार की होती हैं ।
1. सीधी चूड़ीयां ( Right Hand Threads ) :- जो चूड़ियां घड़ी की सुई की दिशा ( Clockwise ) में घूमाते हुए कसी जाए उन्हे सीधी चूड़ियां ( Right Hand Threads ) कहते हैं। इनका झुकाव दाहिनी ओर होता है। इंजीनियरिंग कार्यों में इन चूड़ियों का प्रयोग अधिक किया जाता है।
2. उल्टी चूड़ियां ( Left Handand Threads ) :- जो चूड़ियां घड़ी की विपरीत दिशा (Anticlockwise) में घुमाते हुए कसी जाए उन्हें उल्टी चूड़ियां ( Left Hand Threads ) कहते हैं। इन चूड़ियों का झुकाव बायी और होता है। अपेक्षाकृत इनका उपयोग कम होता है।
स्क्रू थ्रेड्स की शब्दावली
1. मेजर डायामीटर ( Major Diameter ) :- किसी भी बाहरी चूड़ी के सबसे बड़े व्यास को मेजर डायामीटर कहते हैं। और भीतरी चूड़ियों में इसे पूरा व्यास फुल डयामीटर ( Full Diameter ) कहते हैं।
2. माइनर डायमीटर ( Minor Diameter) :- किसी भी बाहरी चूड़ी का सबसे छोटा व्यास ( चूड़ी का रूट ) कहते हैं। और भीतरी चूड़ियों में इसे इनसाइड डायमीटर (Inside Diameter ) कहते हैं।
3. पिच डाया मीटर (Pitch Diameter ) :- यह स्क्रू थ्रेड पर एक काल्पनिक व्यास होता है जो की चूड़ी के मेजर और माइनर डायामीटर के बीच स्थित होता है। यदि मेजर डायामीटर से स्क्रू की एक साइड की गहराई घटा दी जाए तो पिच डायमीटर निकल आता है।
4. पिच ( Pitch ) :- स्क्रू थ्रेड पर किसी भी चूड़ी के एक पॉइंट से दूसरी चूड़ी के उसी पॉइंट तक की दूरी का जो माप होता है वही उस चूड़ी की पिच होती है।
5. लीड ( Lead) :- स्क्रु थ्रेड एक चक्कर में कितनी दूरी तय करती है वह उसकी लीड कहलाती है। सिंगल स्टार्ट वाली चूड़ी में लीड और पिच बराबर होती है। डबल स्टार्ट में दुगनी हो जाती है। इसी प्रकार स्टार्ट बढ़ते जाएंगे लीड भी उतने गुनी बढ़ती जाएगी।
6. अक्ष ( Axis ) :- किसी स्क्रू के बीचो-बीच सेंटर से स्क्रू की पूरी लंबाई तक गुजरती हुई सीधी रेखा को अक्ष कहते हैं।
7. क्रेस्ट ( Crest ) :- चूड़ी का सबसे ऊपरी सिरा क्रेस्ट कहलाता है।
8. रूट ( Root ) :- चूड़ी के ग्रुव की सबसे निचली सतह रूट कहलाती है।
9. चूड़ी का कोण ( Angle of Thread) :-चूड़ी की दोनों साइड आपस में मिलने के बाद जो कोण बनता है उसे चूड़ी का कोण कहते हैं।
10. हेलिक्स कोण ( Helix Angle ) :- चूड़ी के झुकाव के कोण या पिच डायामीटर पर अक्ष के लंबवत चूड़ी के हेलिक्स द्वारा बनाए गए कोण को हेलिक्स कोण कहते हैं।
11. फ्लैक या साइड ( Flank or Side) :- रूट और क्रेस्ट को आपस में मिलाने वाली सतह को फ्लैक या साइड कहते हैं।
12. चूड़ी की गहराई ( Depth of Thread ) :- मेजर डायामीटर से माइनर डायामीटर के बीच का जो अंतर है वह चूड़ी की गहराई कहलाता है।
13. चूड़ियों की संख्या ( number of Thread ) :- इसका अर्थ है एक इंच में चूड़ियों की संख्या है।
इस प्रकार यह चूड़ीयों की शब्दावली है जिसके बारे में हमने जाना।
अब V थ्रेड कई प्रकार की होती हैं।
Type of V Threads in hindi
1. मेट्रिक थ्रेड ( Metric Thread ) :-यह चूड़ियां भारतीय मानक संस्था ( I.S.I. )द्वारा स्वीकृत है तथा अंतरराष्ट्रीय मानक संस्था I.O.S. पर आधारित है इन चूड़ियों का कोण 60 डिग्री होता है। यह साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाई जाती है यह चूड़ियां 0.25 से 300 m.m. की व्यास तक के नोटों व पेचों पर काटी जाती है।
2. ब्रिटिश स्टैंडर्ड पाइप थ्रेड ( British Standard Pipe Thread B.S.P. ) :- यह चूडीयां स्टीम पाइपलाइन, हाई प्रेशर पाइप लाइन तथा पानी की लाइनों के लिए प्रयोग लाई जाती हैं। यह चूड़ियां 3/4 इंच टेपर प्रति फुट काटी जाती है। चूड़ियों का कोण 55 डिग्री होता है।
3. ब्रिटिश स्टैंडर्ड विट्वर्थ थ्रेड ( British Standard Whitworth Thread B.S.W.) :- सभी साधारण कार्यों के लिए इन्ही चूड़ियों को प्रयोग में लाया जाता है। यह चूड़ियां ब्रिटिश स्टैंडर्ड इंस्टिट्यूशन ( B. S. I.) द्वारा अपनाई गई है। इन चूड़ियों का कोण 55 डिग्री होता है रूट और क्रेस्ट गोल होते हैं। इनका आविष्कार 1841 में जो सर जोसेफ विट् वर्थ ( Sir Joseph Whitworth ) ने किया था और उन्हीं के नाम पर इस चूड़ी का नाम रखा गया।
ज्यादातर इन्हीं तीन प्रकार की चूड़ियों का प्रयोग किया जाता है।
4. ब्रिटिश स्टैंडर्ड फाइन थ्रेड ( British Standard fine trade B.S.F. )
5. ब्रिटिश एसोसिएशन थ्रेड ( British association trade B. A. )
6. इंटरनेशनल स्टैंडर्ड थ्रेड ( international standard trade )
7. अमेरिकन नेशनल या सैलर थ्रेड ( American national trade seller thread )
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