Types of Taps, Parts of Taps टैप के प्रकार व भाग
टैप एक आंतरिक चुड़ी निकालने का कटिंग टूल ( internal thread cutting tool) है। जिसके द्वारा बेलनाकार छेद (Cylindrical hole) के अंदर चूड़ियां काटी जाती है। यह एक बोल्ट आकृति (design) का गोला का टुकड़ा होता है जो डाई कार्बन स्टील, (die Carbon steel), हाई स्पीड स्टील (high Carbon steel), या एलॉय स्टील (alloy steel) का बना होता है तथा हार्ड एवं टेंपर (hard and temper) किया होता है। इसकी बॉडी (body) पर चूड़ियां (thread) कटी होती है इसी चूड़ीदार भाग पर लंबाई की दिशा में दो, तीन या चार फ्लूट (Flutes) कटे होते हैं जो प्रत्येक चूड़ी को कटींग एज (Cutting Edge) प्रदान करते हैं। यह कटिंग एज ही सुराग में चूड़ी काटने का कार्य करते हैं।
टैप द्वारा चूड़ी काटने के लिए पहले टाइप के साइज के अनुसार ड्रिल (Drill) करके उसमे रिमर (Reamer) द्वारा फीनिसिंग की जाता है बिना फिनिशिंग किए गए किसी भी छेद में टैप को नहीं चलाना चाहिए। टैप के द्वारा चूड़ी काटने की प्रक्रिया को टैपिंग(Tapping) कहते हैं।
1 टैंग (Tang) टैप के सबसे ऊपरी भाग को टैंग कहते हैं। इसको चौकोर बनाया जाता है, जिसमें टैप हैंडल में बना खाचा फिट हो जाता है। टैप को घुमाने के लिए इसी हैंडल का प्रयोग किया जाता है।
2 शैंक (Shank) बॉडी व टैंग के बीच के सपाट भाग को बैंक कहते हैं। जो टैप की लंबाई बढ़ाई के लिए आवश्यक है। इसका साइज बॉडी के डायमीटर से कम होता है। इस पर टैप का साइज, चूड़ियों की संख्याओर ड्रिल का साइज अंकित होता है ।
3 देह / बोडी (Body) टैप के इसी भाग पर चूड़ियां कटी होती है। इसी भाग से किसी भी सुराग के अंदर चूड़िया निकाली जाती है।
4 खाॅंचे / फ्लूट्स (Flutes) टैप की बॉडी पर लंबाई के समांतर दो, तीन या चार ग्रुप कटी होती है जिन्हें फ्लूट्स कहते हैं। जो कटाई का कार्य करते हैं। फ्लूट्स के रास्ते चिप्स बार आ जाती है और ल्यूब्रिकेंट अंदर पहुंचता रहता है।
5 लैंड (Land) चूड़ी के ऊपर वाले भाग को लैंड कहते हैं
6 कटिंग एज / फेस (Cutting Face / Edge) चूड़ी के आगे वाले भाग को कटिंग एज या फेस कहते हैं। कटिंग फेस में बहुत सी कटिंग एज होती है।
7 हील (Heel) चूड़ीदार भाग के पिचले सिरे को कटिंग हील कहते हैं। क्लीयरैंस देने के लिए कटिंग एज के पिछले भाग को टेपर कर दिया जाता है।
8 चैंम्फर (Chamfer) बॉडी के नीचे के कुछ भाग को ग्राइंडर के द्वारा फ्रेंड करके टेपर कर दिया जाता है। इस भाग को चैंम्फर कहते हैं।
9 प्वाइंट व्यास (Point Diameter) एक टैप सेट में 3 टैप होते हैं। जिनमें चैंम्फर की लंबाई अलग अलग होती है। जिसमें सबसे अधिक चैंम्पर वाला एक प्रथम (First) तथा सबसे कम चैंम्फर वाला टैब तृतीय (Third) टैप होता है। सबसे पहले प्रथम नंबर के टैप को चलाया जाता है। इसी टैप के आगे का सबसे छोटा व्यास पॉइंट व्यास कहलाता है।
1 हेड टैप (Head Tap) इनको हाथ द्वारा बनाया जाता है। इसकी बैंक पर वर्गाकार टैंग बनी होती है, जिसमे टैप हैंडल फिट किया जाता है। यह प्रत्येक स्टैंडर्ड थ्रेड (Standard Thread) में अलग-अलग साइज में मिलते हैं। प्रत्येक साइज में तीन टैप होते हैं। जिनके नाम इस प्रकार है :-
(B) इंटर मीडिएट टैप (Inter Mediate Tap) इसे द्वितीय (Second) टैप कहते हैं। इसकी तीन से पांच चूड़ियां टेपर होती है। इसका प्रयोग पेपर टैप घुमाने के बाद किया जाता है। इससे चूड़ी की गहराई पूरी हो जाती है। जो सुराग आर पार होते हैं उसके लिए दोनों टैप काफी है। इसके टेपर का जो एंगल है वह 10° होता है।
(C) बाॅटमिंग टैप (Bottoming Tap) इसे प्लग टैक या फिनिशर टैप भी कहते हैं। इसके आगे की केवल एक या दो चूड़ी ही टेपर होती है। इसका प्रयोग ज्यादातर वही किया जाता है जहां सुराख आरपार नहीं होते हैं। अर्थात Blind Hole में इसका प्रयोग किया जाता है इससे चुड़ी साफ और पूरे साइज में बनती है।
2 मास्टर टैप (Master Tap) इसमें साधारण हैंड टैप की अपेक्षा ज्यादा फ्लूट्स (Flutes) होते हैं जिनकी संख्या 6 से 10 तक होती है, इसमें कटिंग एज भी अधिक बने होते हैं, जिससे कटिंग हुई चूड़ी साफ और शुद्ध साइज में होती है। इसका प्रयोग थ्रेड रिंग गेज आदि में चूड़ी काटने के लिए किया जाता है।
3 एक्सटेंशन टैप (Extension Tap) इसकी शैंक बहुत लंबी होती है। इसका प्रयोग गहराई में चूड़ी काटने के लिए किया जाता है। जहां साधारण टाइप से चूड़ी काटना कठिन होता है। इसे पुल्ली टैप भी कहते हैं।
4 बैंड शैंक टैप (Bend Shank Tap) इसकी शैंक लंबी बड़ी होती है ओर एल ” L” शेप में मुड़ी होती है। इसके लिए टैप हैंडल की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि इसके मुड़े हुए भाग को हाथ से घुमाकर टैपिंग की जाती है इसलिए इसका प्रयोग वहां किया जाता है जहां चूड़ी काटते समय टैप हैंडल फिट ना किया जा सके ना घुमाया जा सके।
5 स्पाइरल फ्लूटेड टैप (Spiral fluted Tap) इस टैप में फ्लूट्स स्टेट ना होकर घुमावदार (Spiral) होते हैं। इसका प्रयोग ऐसे हॉल में टैपिंग के लिए किया जाता है जिसमें स्पाइन कटे होते हैं स्पाइरल ग्रुप (Spline Groove) या की-वे (Key Way) होते हैं। टैप पर स्पाइरल फ्लूट्स होने के कारण स्पाइन कि वे मैं नहीं फंसतेहै। और आसानी से टैपिंग हो जाती है। इसे हाॅल टैप भी कहते हैं।
6 गन या स्पाइरल पॉइंट टैप (Gun or Spiral Point Tap) इस टैप के पॉइंट की तीन या चार चूड़ियां टेपर ग्राइंड होती है। इससे आगे की चूड़ियों पर एक विशेष रैंक ऐंगल बनता है, जिससे इसके काटने की क्षमता बढ़ जाती है कटे चिप्स आगे बढ़ने से पहले ही गिर जाते हैं। इसका प्रयोग अधिक मात्रा में उत्पादन के लिए किया जाता है। इसे मशीन या हाथ से चलाया जा सकता है।
7 स्टे बोल्ट टैप (Stay Bolt Tap) यह एक विशेष प्रकार का टैप होता है। इसकी बॉडी तीन भागों में होती है। इसके आगे का भाग प्लेन सिलिंडरिकल होता है जो टैपिंग करते समय होल में फिट होकर टैप को सीधा रखने में सहायता करता है। इसका दूसरा भाग रीमर होता है जो टैप साइज का सुराख शुद्धता में तैयार करता है। आखिर वाला बाग टैप होता है, जिसके द्वारा चूड़ियां काटी जाती है। इसका प्रयोग बहुत ज्यादा शुद्ध चूड़ी काटने के लिए किया जाता है।
8 गैस टैप (Gas Tap) इसका प्रयोग ऐसे सुराग में चूड़ियां काटने के लिए किया जाता है, जहां पर किसी द्रव (Liquid) या गैस (Gas) आदि के निकलने का डर रहता है। पाइप (Pipe) पिइप सॉकेट (Pipe Socket) वाल्व (Volve) इत्यादि। इसकी बॉडी कुछ टेपर होती है और इसकी एक या दो चूड़ी चैंम्फर होती है।
9 मशीन स्क्रू टैप (Machine Screw Tap) 1/4 इंच से कम व्यास वाले हैंड टैप को मशीन स्क्रू कहते हैं। इसकी तीन या चार चूड़ियां चैंपर या टेपर ग्राइंड होती है। इसका प्रयोग केवल स्क्रू के चूड़ियां काटने के लिए होता है।
10 मशीन टैप (Machine Tap) इसका प्रयोग ड्रिलिंग मशीन में फिट करके किया जाता है। यह टेपर शैंक या स्ट्रेट शैक स्लाटिड टाइप के होते हैं। इसको विशेष प्रकार के जुगाड़ में पकड़कर प्रयोग किया जाता है। मशीन द्वारा टैपिंग करने के लिए मशीन को उल्टा घुमाने की व्यवस्था होती है।
11 फ्लूटलैसलेस टैप (Fluteless Tap) नाम के अनुसार इसमें फ्लूट्स नहीं होते हैं। इनका प्रयोग धातु को प्रेस कर के बिना कांटे चूड़ी डालने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का फॉर्मिंग टूल (Forming Tool) है। इससे नरम धातुओं में चूड़ी डाली जाती है।
हाथ से टैप को घुमाने के लिए एक विशेष प्रकार के औजार का औजार होता है जिसको टैप रैंच (Tap Wrench) कहते हैं। जिसके मध्य टैप की टैग को पकड़ने के लिए झिरिया होती है। दोनों और हैंडल बने होते हैं हैंडल को दोनों हाथों से पकड़कर संतुलन बनाते हुए टैप घुमाया जाता है। यह तीन प्रकार के प्रयोग में लाए जाते हैं।
टैपिंग करते समय हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
1 टैपिंग करने के लिए सर्वप्रथम टैप के साइज के अनुसार ड्रिल द्वारा वर्कपीस में सुराख कर लेना चाहिए।
2 ड्रिलिंग करते समय सुराग के मुंह पर आई बावरी को हटा देना चाहिए तथा हल्का सा चैंम्फर लगा लेना चाहिए।
3 वर्कपीस को बेंच वाइस में मजबूती से पकड़े ध्यान रखें सुराग सीधा लंबवत रूप में क्लैंप हो जाए।
4 सबसे पहले टैप को सुराग में सीधा फिट करें और उसकी टैंग पर ठीक साइज का टैप रैंच फिट करें और टैब को नीचे की और जवाब देते हुए दाएं और (Clockwise) घूमाए आए ताकि टैप की चूड़ी का मुंह आसानी से पकड़ा जाए।
5 दो-तीन चूड़ी घुमाने के बाद उसका ट्राई स्क्वायर जरुर चेक कर ले।
6 टैप रैंच को दोनों हाथों से संतुलन करते हुए टैब को दाएं से बाएं चलाएं और फिर प्रत्येक चक्कर के बाद आधा चक्कर कर वापस उल्टा घुमाएं इससे कटे हुए चिप्स टूटकर निचे गिर जाएंगे ताकि टैप बिना फंसे आगे घुमाया जा सके।
7 कास्ट आयरन के अलावा बाकी सभी धातुओं पर टैपिंग करते समय धातु के अनुसार लुब्रिकेट का प्रयोग करना चाहिए।
8 सुराग की पूरी लंबाई में जब तक चूड़ी ना कट जाए ठीक इसी प्रकार प्रथम टैप को आगे पीछे घूमाते हुए चूड़ी निकालते जाएं तत्पश्चात चूड़ी की पूरी गहराई और फिनिशिंग के लिए पहले की भांति दूसरा और तीसरा टैप चलाएं। टैप के टूटने के कारण (Causes for Breaking of Tab)
9 एक साइड से बंद हॉल (Blind Hole) में अंत तक चूड़ी डालने के लिए यह आवश्यक है कि सुराग में से प्रथम टैप को निकालकर उसमे कटे हुए चिप्स को साफ करते रहना चाहिए। तत्पश्चात दूसरा और अंत में तीसरा टैब सावधानी से चलाते हुए चूड़ी की पूरी गहराई कर लेनी चाहिए।
10 और अंत में टैप को वापस डिब्बी में डालकर अपने निश्चित स्थान पर रख देना चाहिए।
1 टेप के साइज के अनुसार ड्रिल के सुराग का साइज का छोटा होना
2 जॉब का वॉइस में ढीला या अधिक ऊंचाई में बंधा होना।
3 टैपिंग करते समय टैप पर अधिक दबाव देकर घुमाना।
4 टैपिंग करने के लिए जॉब में क्या हुआ सुराग सतह के समकोण ना होना।
5 टैपिंग करते समय उचित टैप रैंच का प्रयोग ना होना।
6 टैपिंग करते समय टैप का एक चक्कर आगे और आधा चक्कर पीछे ना घुमाना।
7 टैपिंग करते समय टैप हैंडल पर दोनों हाथों का एक समान संतुलन ना होना।
8 टैप के कटिंग एज की धार खराब हो जाना।
9 टैपिंग करते समय सही लुब्रिकेट का प्रयोग ना करना।
10 ब्लाइंड हॉल में टैपिंग करते समय टैप को बार-बार निकालकर उसमें कटे चिप्स को साफ ना करना।
1 टैपिंग करने के लिए जॉब में सुराख टैप के साइज के अनुसार होना चाहिए। यदि सुराख बड़े साइज का होगा तो चूड़ी की गहराई पूरी नहीं होगी, और सुराख छोटा होने पर टैप के फंसकर टूटने का डर रहेगा।
2 टैप प्रयोग करने से पहले उसकी चूड़ियां साफ कर लेनी चाहिए।
3 टैप को सही बैलेंस रखने के लिए सही टैप हैंडल का चयन करना जरूरी है।
4 सबसे पहले टेपर टैप का प्रयोग करना चाहिए।
5 टेपर टैप के बाद दूसरे नंबर के टैप को चलाना चाहिए।
6 और आखिर में तीसरे नंबर टैप को चलाना चाहिए।
7 टैप को एक चक्कर घुमाने के बाद आधा चक्कर वापस घुमाना चाहिए।
8 टैपिंग करते समय हैंडल को झटके नहीं देनी चाहिए।
9 टैपिंग करते समय धातु के अनुसार लुब्रिकेट प्रयोग करना चाहिए।
10 टैपिंग करने के बाद टैप्स की चूड़ियां साफ करके उचित स्थान पर रख देना चाहिए।
बहुत सावधानी रखने के बाद भी कई बार टैप टूट जाता है। टैप निकालने के लिए निम्न में से कोई भी विधि का प्रयोग की जा सकता है।
2 पंच व हैमर के द्वारा (By Using Punch and Hammer) यदि टैप जाॅब की सरफेस के लेवल में है या उससे कुछ ही ऊपर टूटा है तब उसे नोज प्लायर से नहीं निकाला जा सकता तब उसे पंच व हैमर की सहायता से निकाला जा सकता है पंच पर हैमर की हल्की चोट लगाकर टैप को उल्टा घुमाना चाहिए।
3 टैप एंक्सट्रैक्टर के द्वारा ( By Tap Extractor) जॉब में टूटा हुआ टैप निकालने के लिए एक विशेष प्रकार का टूल प्रयोग में किया जाता है। जिससे टैप एंक्सट्रैक्टर कहते हैं इसमें तीन या चार टांगें होती है जिन्हें टैप के फ्लूट्स में फंसाकर बुश या कालर द्वारा कस लिया जाता है। शैंक के पीछे वर्गाकार टैग होती है, जिसमें टैप हैंडल को लगाकर टैप एक्सट्रैक्टर को उल्टा घुमाया जाता है। इससे टैप बाहर आ जाता है।
4 वेल्डिंग के द्वारा (By Welding) अगर टूटा हुआ टाइप जॉब की सतह से कुछ बाहर है तो उस पर हम एक नट (Nut) रखकर नट को टैप के साथ वेल्डिंग कर देंगे और ठंडा होने पर हम चाबी से उस नेट को उल्टा घुमा लेंगे तो इस तरह से टूटा हुआ तब बाहर आ जाएगा।
5 नाइट्रिक एसिड के द्वारा (By Nitric Acid) अगर उपरोक्त में से कोई भी विधि सफल ना होने पर टैप पर कुछ बुंदे नाइट्रिक एसिड की डाल दी जाती है। वह नाइट्रिक एसिड टैप तथा धातु दोनों को अपने अंदर खोल लेता है जिससे हॉल में टैप ढीला पड़ जाता है तथा आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।
( नाइट्रिक एसिड का बहुत ही सावधानी से प्रयोग करना चाहिए। )
6 टैप को अनील करके (By Annealing the Tap) उपरोक्त मैं से कोई भी विधि सफल ना होने पर जॉब के साथ टैप को गर्म किया जाता है, तथा धीरे-धीरे ठंडा करके अनील कर दिया जाता है। टैप के मुलायम होने पर हॉल में फिर से ड्रिल कर दिया जाता है जिससे टैप कटकर स्क्रैप के रूप में बाहर निकल आता है।
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